desi bhabhi sex stories
हेलो दोस्तो. मेरा नाम विक्की शर्मा है और मैं इंदौर शहर में रहता हूं। माई एमबीए फाइनल ईयर का स्टूडेंट हूं और अपनी पढ़ाई के लिए इंदौर आया था, तो यहां अकेला ही रूम ले के रहता हूं। मेरे मां बाप यहीं पास ही के एक शहर में रहते हैं। आज मैं आपको अपना पहला सेक्स अनुभव बता रहा हूँ। आपको कैसा लगेगा मुझे बताइयेगा जरूर।
मकानमालिकिन की बेटी को लंड दिया
सील तोड़ कर दिया पहली चुदाई का अनुभव
अब कहानी पे आता हूँ. बात उन दिनों की है जब मैं सेमेस्टर ब्रेक की छुट्टियों में घर गया हुआ था।
मेरे घर से करीब 3-4 घर छोड़ के एक घर में एक परिवार रहता था, जिसमें पति पत्नी और उनकी बेटी मिलन रहती थी। मिलन की उमर 24 वर्ष रही होगी और वह एमएससी अंतिम वर्ष की छात्रा थी। उसकी माँ और मेरी माँ दोस्त थी, तो हमारी थोड़ी बहुत जान पहचान थी। मिलन की हाइट तो कम थी (करीब 5’3) मगर उसका फिगर बहुत सेक्सी था.36-30-34 तो रहा ही होगा। ऊपर से उसके सुंदर चेहरे पे नरम मुलायम गुलाब की पंखुडि़यों की तरह उसके सुरख लाल होठ, उसकी कामुकता को 100 गुना बढ़ा देते थे। जब भी मैंने उसे देखा था मेरा लंड सलामी देने लगता था और जी करता था वही उसे चूम लू और उसके स्तन चूसने लागू। जब भी कोई सेक्सी सीन देखता तो मिलन को ही इमेजिन करके मुठ मारता था। सपनों में तो उसे कई बार चोद चुका था पर अब इस फिराक में था कि उसे हकीकत में कैसे चोदू। बहुत तड़पने के बाद एक दिन आखिरकार मुझे मौका मिल ही गया।
उस दिन शाम के समय में अपने दोस्तों के साथ अपनी गली में क्रिकेट खेल रहा था..अंधेरा होने वाला था और मेरी बल्लेबाजी सबसे आखिरी में आई। तो मैंने एक ऐसा शॉट मारा कि गेंद सीधे मिलन के घर की छत पे जा के गिरी। यानी माई आउट हो गया और खेल ख़तम हो गया। सब अपने घर जाने लगे और क्योंकि मेरी थी तो उसे लेने के लिए मैं मिलन के घर गया।
माई गेट तक पहुंच और मिलन की मां घर से बाहर ही आ रही थी तो मैंने उनसे कहा, तो वो बोली तुम ही जा के ले आओ। और बोली कि “ऊपर जा ही रहे हो तो मिलन को भी जगा देना और कहना मैं जोशी भाभी के घर जा रही हूं, थोड़ी देर में आऊंगी। और हां, वो बहुत गहरी नींद में सोती है तो अगर आवाज से ना उठे तो उसे जोर से हिला के जगा लेना।”
उनका घर 2 मंजिल था जिसमें सीधी अंदर से ही थी और मिलन का कमरा ऊपर था।
ये केह की आंटी बाहर गई और मैं अंदर। मिलन के सोने की बात सुन के मेरे तो मन में लड्डू ही फूटने लगे। माई फटाफट ऊपर भागा.. पहली मंजिल पर उसका कमरा था। कमरे का दरवाजा बंद था पर कुंडी नहीं लगी थी। मैंने धीरे से दरवाजा खोला और देखा तो मिलन सीधी चित्त सो रही थी। मैं बिना आहत किए उसके पास जा के बैठ गया। उसने टॉप और कैपरी पहने हुए थे। टॉप टाइट था और उसके बड़े बड़े वक्शो का उबर बोहोत ही उत्तेजक लग रहा था। इस नज़र को देख मेरा लंड फुकारने लगा। मेने हिम्मत जुटाए हुए उसके डोनो स्टैनो पे अपने डोनो हाथ हल्के से रख दिए। कुछ दूसरा इसे रहने दिया और फिर धीरे-धीरे उन्हें दबाने लगा। मुझे एहसास हुआ कि उसने ब्रा नहीं पहनी है। क्या बताऊ दोस्तो कितना मजा आ रहा था उन नरम गुब्बरो को दबाने में। मन तो कर रहा था कि झट से उसका टॉप और ब्रा उतार के उन्हें चूस लू। पर इस वक्त मुझे संयम से काम लेना था। मैं उसे जगाने का जोखिम नहीं ले सकता था।
कुछ देर बोबे दबने के बाद माई धीरे से उसके होठों की तरफ बढ़ा। बहुत ही धीरे से उसके होठों से अपने होठ मिलाये और हल्की सी चुम्मी ले के पीछे हट गया। फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत के ऊपर रखा और उसे टटोलने लगा। मेरी उत्तेजना को प्यार करने लगी और मुझपे चुदाई का भूत चढ़ने लगा। तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया।
मैंने बहुत ही धीरे-धीरे उसकी कैपरी को शुरू करना शुरू किया। फ़िर उसकी पैंटी को भी उसकी तरह नीचे किआ। झांटो से भरी चूत देख के मुझे यकीन हो गया कि ये अभी तक नहीं चुदी है। मैंने अपनी जींस और चड्ढी उतार के साइड में रख दिए क्योंकि मुझे यकीन था कि आज मैं उसकी सील खोल कर ही जाने वाला हूं।
फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी तांगे फेलाना शुरू की और चूत को खोलने लगा। ये सब मैं बहुत धीरे कर रहा था ताकि उसकी नींद ना खुले।
तांगे चौड़ी करने के बाद अपनी उंगली को थूक से गिला करके उसकी कैसी हुई चूत पर धीरे-धीरे फेरते हुए उसे अंदर डालने लगा। बड़ी मुश्किल से उंगली अंदर जा रही थी। थोड़ी देर तक उसकी चूत में उंगली करने पे मुझे कुछ नामी सी महसूस होने लगी, वो भी निंद में हल्का सा हो सकता है तो मैं डर गया कि ये कहीं जाग ना जाए।
थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने अपना काम फिर शुरू किया। उसकी छुट गिली होने लगी और अब मेरी 2 अंगलिया अंदर जा पा रही थी। फ़िर माई झट से उसकी टैंगो के बिच में घुटने के बल बैठ गया और अपने लंड पे ढेर सारा थूक लगाया और उसकी चूत पे टिकाया और अपने हाथ से ही उसे धीरे से अन्दर धकेलने लगा। चूत चिकनी थी और लंड करीब 2 इंच अंदर चला गया। मुझे पता था कि उसकी नींद कच्ची हो गई होगी और लंड डालती ही वो जग जाएगी, इसलिए मैंने झट से उसके ऊपर लेटते हुए लंड पे जोर का धक्का मारा और उसके होठों से अपने होठ मिला दिए। उसकी नींद तो खुल गई पर इसे पहले की वो कुछ समझ पाती, मेरा लंड उसकी chut me adhe se zada gus choka tha aur mai usey jakad k uske hoth choos raha tha. वो दर्द से चटपटाने लगी पर मैंने उसे कस कर रखा था
और उसे ज़ोरदार किस किये जा रहा था। उसके मुलायम बोबे मुझे अपनी चाटी पे महसस हो रहे थे। फिर मैंने कुछ झटके और मारे और लंड पूरा उसकी चूत में थोस दिया। वो तड़प रही थी और अपने हाथों से मुझे दूर धकेलने की कोशिश कर रही थी। पर मैंने उसे कैसे पकड़ रखा था और लगतार धक्के लगाते हुए उसे छोड़ रहा था। कुछ देर बाद उसका विरोध कम हुआ और वो भी मजे लेते हुए अपनी कमर हिलाने लगी। मैंने उसके होठ अपने होठो में जकड़ रखे थे और लगतार उनका रसपान भी कर रहा था और जब उसका विरोध ना के बराबर हो गया टीबी ही मेने उसके होठ छोड़े। और उसके बाद उसकी प्यारी आवाज़ में वो करारी सत्कार सुन के मैं पागल सा हो गया। मैंने उसे इस्तेमाल किया और कैसे चिपका लिया और चुदाई की गति बढ़ा दी।
पूरे कमरे में फच-फच की आवाज के साथ हमारी सिटकारे भी सुनाई दे रही थी। दर्द कम होने पे वो भी मस्ती में आ के और ज़ोर ज़ोर से सिटकारते हुए अपनी कमर हिला की चुदाई के नशे में डूबी जा रही थी। करीब 10 मिनट की इस ज़बरदस्त चुदाई में जहां उसकी चूत लगती थी थोड़ा थोड़ा पानी छोड़ जा रही थी, मेरे लंड में एक सरसराहट सी हुई और मैं झड़ने लगा। तभी उसका बदन भी मुश्किल हो गया और मुझे कस के जकड़ते हुए मेरी पीठ पर अपने नाखुन गड़ाते हुए ज़ोरदार आहो के साथ वो भी झड़ती चली गई।
हम दोनो बुरी तरह से हांफ रहे थे और कुछ देर यूही यूएसपी पड़े रहने के बाद जब मैंने उसे चुना के लिए अपना चेहरा उसके चेहरे के पास ले गया तो उसने तपाक से मुझे एक चाटा मारा।
माई कुछ समझ पता इसे पहले उसने दूसरे गाल पे भी एक तमाचा जड़ दिया।
मैंने भी गुस्से में उसे ज़ोर से चूम लिया, तो उसने फिर से मेरे गाल पे एक चांटा मारा.. मैंने फिर उसे चूमा और उसने फिर चांटा मारा.. इस तरह करीब 5-7 चुम्मे और चाटो में मेरा लंड फिर से अकड गया और मैं उसे पकड़ के फिर से उसकी चूत में घुसाने लगा। वो ज़ोर से कह रहा है “आआआहह…” और धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। मैंने उसके दोनों हाथ पकड़ रखे थे और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे। वो किस करने की कोशिश में मेरे होठों की तरफ लपकी पर मैंने अपना सर पीछे कर लिया। वो फिर लपकी और मैंने फिर वही किया।
इस तरह 3-4 बार तड़पने के बाद, पांचवी बार मैं पीछे नहीं हटा और फिर हम दोनों के बीच एक जबरदस्त चुम्बन शुरू हुआ। हम दोनों ही बहुत जोश के साथ एक दूसरे को चूमे जा रहे थे और मैंने धक्के लगाने भी शुरू कर दिए थे, जिनका जवाब वो भी कर्रे ढक्को के साथ दे रही थी। मतलब ऊपर होठो की लड़ई चल रही थी और आला चूत और लंड की। क्या जोशीली चुदाई में हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था और हमारा चुम्बन भी करीब 5-7 मिनट से चल रहा था, स्पीड धीमी हो गई थी पर ना मैं उसके होठों को छोड़ रहा था ना वो मेरे।
फिर मैंने करवट बदल के उसको मेरे ऊपर ले लिया। अब वो अपनी गांड उछाल उछाल के चुद रही थी और मैं उसके पूरे चेहरे पर चूम रहा था।
कभी उसके बगीचे पर अपनी गरम साँसें छोड़ता तो कभी उसके कान की नरम लौ को चुनता। इसे उत्तेजित हो के वो और ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी और 7-8 धक्के के बाद ही उसकी चूत से झरना निकला। मुझे ऐसा लगा जैसा मेरा भी निकल जाएगा, पर मैंने खुद को संभाला और उसे दोबारा आला लेके थोड़ी देर ऐसे ही पैदा किया और बड़े प्यार से उसका होठ चूमता रहा और फिर धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया। वो भी बड़ी प्यारी आहे भर रही थी और धीरे-धीरे अपनी कमर चला रही थी। चुदाई बड़े प्यार से चल रही थी और मैंने अपने होठों से 1 इंच दूर रखा था जिसे हमारी सांसे आपस में टकरा रही थी और हमारी कामवासना को और बढ़ा रही थी।
हर थोड़ी सी देर में हम करवट बदल लेते। जिसे कभी वो ऊपर आ जाती और मैं नीचे, तो कभी मैं ऊपर वो नीचे। इस तरह एक दूसरे से लिपटते हुए और प्यार भरे चुम्बन करते हुए हम काफी देर तक चुदाई का मजा लेते रहे।
फिर एक लम्बे चुम्बन के साथ हम दोबारा साथ में झड़ने लगे। मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसकी छत पर सारा रख के उसके मुलायम स्टेनो के साथ पड़ा रहा।
फिर जब थोड़ी जान आई तो मुझे साइड करने दिया गया। थोड़ी देर पड़े रहने के बाद वो उठी और बाथरूम में चली गई। मैंने टाइम देखा तो 8 बजे चुके थे.यानी मुझे वहां करीब 2 घंटे हो गए थे और आंटी कभी भी आ सकती थी. मैंने झट से अपने कपड़े पहने, छत पे जा के बॉल उठाई और फटाफट अपने घर चला गया। इतनी मस्त चुदाई के बाद उससे बिना बात किए घर चले आना मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था। और मैं ये सोचने लगा कि दोबारा जब हमारा सामना होगा तो क्या परिस्थिती बनेगी। वो दिन भी जल्दी ही आया और हमारे दिन क्या हुआ, ये जानने के लिए आपको मेरी अगली कहानी का इंतजार करना पड़ेगा। आशा करती हूं आपको ये कहानी पसंद आएगी। आपके ईमेल का इंतज़ार रहेगा.आपका अपना विक्की शर्मा.